अल्मोड़ा: उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की बैठकी होली काफी साल पुरानी है. इस होली में आपको कई शास्त्रीय संगीतों पर आधारित होली गीत सुनने को मिलेंगे पर पुरुषों की बैठकी होली के अलावा अल्मोड़ा शहर में महिलाओं की होली की भी धूम रहती है. महिलाओं की टोली घर-घर जाकर लोगों के वहां होली गायन करती हैं, जिसमें बैठकी होली, खड़ी होली, होली नृत्य और स्वांग प्रस्तुत किए जाते हैं. ऐसी ही एक बैठकी में महिलाओं ने स्वांग रचते हुए प्रेस रिपोर्टर और नेताओं की भूमिका निभाई.
इन दिनों अल्मोड़ा नगरी में होली की धूम शुरू हो चुकी है, जिसमें अल्मोड़ा की महिलाओं की अहम भूमिका रहती है. महिलाएं लोगों के घरों में जाकर होली गायन करती हैं. इन महिलाओं के समूह में करीब 10 लोग रहते हैं. खास बातचीत में महिलाओं ने बताया कि करीब एक महीने पहले से ही होली की तैयारियों में वह जुट जाती हैं. इसके अलावा घर या फिर कोई भी कार्यक्रम हो उनमें जाकर वह होली की प्रस्तुति देती हैं.
एक माह पहले शुरू हो जाती है तैयारी
रमा पंत बताती हैं कि अल्मोड़ा की होली बहुत ही खास होती है. खासतौर से महिलाओं में जिस तरह से उत्साह रहता है, उस तरीके से महिलाएं घर-घर जाकर होली गायन करती हैं. इसमें खड़ी होली, बैठकी होली, स्वांग और होली नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं. महिलाएं होली की तैयारी करीब एक महीने पहले से कर देती हैं और कार्यक्रम या फिर कोई भी झांकी हो वहां जाकर प्रतिभाग करती हैं. कई महिलाएं नौकरीपेशा या फिर गृहिणी होती हैं. वह लोग समय निकालकर इस होली में आती हैं और प्रतिभाग करती हैं.
बुजुर्गों की वजह से बची परंपरा
स्थानीय निवासी गोपा नयाल बताती हैं कि वह अपनी संस्कृति को आगे बढ़ा रही हैं. इसके अलावा महिलाओं में जिस तरह से उत्साह देखने को मिलता है, वह शायद ही कहीं और देखने के लिए मिलेगा. जो अपनी होली है, वह धीरे-धीरे लुप्त हो रही है पर महिलाओं और कुछ बुजुर्गों की वजह से यह होली बची हुई है, जिससे हमें बढ़ाने की जरूरत है. इस होली में महिलाएं टोली बनाकर होली गायन करती हैं और इस टोली में 10 महिलाओं का समूह रहता है.
हमने संभाला जिम्मा
स्थानीय निवासी कृष्णा साह ने बताया कि वह पिछले कई सालों से होली में जाती हैं. इस होली को बहुत अच्छे से मनाया जाता है. पहले के समय में वह लोग भी टोली बनाकर जाए करती थी, पर अब इन महिलाओं ने इस होली को आगे बढ़ाने का जिम्मा संभाला है, जिसे अन्य लोगों को भी आगे आकर उसे बढ़ाना चाहिए.