राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में आने वाले मरीज बीमारी के साथ ही बंदरों से लड़ रहे हैं। बंदर मरीजों पर हमला कर उन्हें काट रहे हैं। बंदर खास कर छोटे बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को अधिक निशाना बना रहे हैं। वहां लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। जीएमसी के बेस अस्पताल में बंदरों का आतंक काफी बढ़ गया है। अस्पताल परिसर में 40 से 50 बंदरों का झुंड बैठा रहता है। अस्पताल के ओपीडी ब्लाॅक, जनरल वार्ड समेत आवासीय परिसर में आतंक इतना अधिक बढ़ गया है कि लोगों का राह चलना मुश्किल हो गया है। बंदर मौका पाते ही अस्पताल में उपचार को आए मरीजों के साथ ही तीमारदारों, चिकित्सा कर्मियों पर हमला कर देते हैं। बच्चे, गर्भवती, बुजुर्ग, दिव्यांग भी अस्पताल में आते हैं। पहले से ही स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे इन लोगों को बंदरों के आतंक से खुद को बचाना मुश्किल हो रहा है। बंदरों के आतंक और हमले से अस्पताल की ओपीडी सेवा भी प्रभावित हो रही है। बंदरों के आतंक से क्षेत्र के किसान परेशान हैं। इन किसानों ने सीएम पुष्कर धामी को पत्र भेजकर बंदरों को पकड़वाने की मांग की है। मटेना, बैजनाथ, भकुनखोला, मवई, भोलाथल, बैजनाथ, टीट बाजार, पाये, तैलीहाट, नौघर, सिल्ली के ग्रामीणों ने बताया कि बंदरों ने सब्जी की पौध नष्ट कर दी है। इससे किसानों को हजारों को क्षति पहुंची है। प्रभावित किसानों ने वन विभाग से बंदरों को शीघ्र पकड़ने और फसल क्षति का मुआवजा दिलाने की मांग की है।