नई दिल्ली। भारतीय नौसेना को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। खबरों की मानें तो बहुत जल्द भारतीय नौसेना को खतरनाक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर मिल जायेगा। इस विध्वंसक ने समुद्री ट्रायल शुरू कर दिए हैं। इस साल के आखिरी महीनों में इसे नौसेना को सौंप दिया जाएगा। इसका नाम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई इंफाल की लड़ाई के शहीदों की याद में रखा गया है। यह पहला जंगी जहाज है जिसका नाम उत्तर-पूर्व के किसी राज्य के नाम पर रखा गया है। इसका डिस्प्लेसमेंट 7400 टन है। 535 फीट लंबे इस जंगी जहाज का बीम 57 फीट का है। यह एक डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाला युद्धपोत है। समुद्र में इसकी अधिकतम गति 56 किलोमीटर प्रतिघंटा है। अगर यह 33 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलता है तो इसकी रेंज 7400 किलोमीटर है। 45 दिनों तक लगातार समुद्र में तैनात रह सकता है। इस युद्धपोत पर 50 अधिकारी और 250 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं। इसमें चार कवच डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं। इसके अलावा बेहतरीन रडार और कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम लगा है। इसमें 32 बराक 8 मिसाइलें, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स, 7 प्रकार के गन्स होते हैं। ध्रुव और सी किंग हेलिकॉप्टर तैनात हैं। ये ऐसे युद्धपोत हैं, जिनसे लगातार ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा इस युद्धपोत पर 21 इंच के 4 टॉरपीडो ट्यूब्स हैं। साथ ही 2 आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स भी लगाए गए हैं। इसमें सुरक्षा के लिए डीआरडीओ द्वारा बनाया गया इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर शक्ति ईडब्ल्यू सुइट और कवच चैफ सिस्टम लगा है।