देहरादून। श्री राजराजेश्वरी धाम देवलगढ़ के मुख्य पुजारी एवं सेवानिवृत्त शिक्षक कुंजिका प्रसाद उनियाल ने डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल को शिक्षा विभाग में अधिकारी बनने पर शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
इस दौरान श्री उनियाल ने डॉ. घिल्डियाल के संघर्षों के दिनों को याद करते हुए कहा कि यह उनके अथक प्रयासों और कठोर मेहनत का ही फल है कि प्राथमिकत विद्यालय से पढ़कर आज वह शिक्षा विभाग में सहायक निदेशक की कुर्सी पर विराजमान हुए हैं। कहा कि डॉ. घिल्डियाल में बचपन से ही लग्नशील, मातृ पितृ भक्त, मितव्ययी, चिन्तनशील और संगठन क्षमता के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों को जोड़ने की अद्भुत कला रही। उन्होंने बताया कि प्राथमिक शिक्षा गांव में अर्जित करने के बाद डॉ. घिल्डियाल ने जनता इंटर कॉलेज भट्टी सेरा से प्रथम श्रेणी में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की और उसके बाद श्रीनगर गढ़वाल पहुंचे।
उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि उस समय अल्पवेतन भोगी प्राइमरी शिक्षक शिवप्रसाद घिल्डियाल के दो बेटे चंडी प्रसाद और गोपाल कृष्ण पढ़ाई के लिए श्रीनगर गढ़वाल में किराए के मकान में रहते थे। उन्होंने कहा कि विज्ञान वर्ग के छात्र होने के बावजूद संस्कृत और ज्योतिष पर जबरदस्त लगाव के चलते चंडी प्रसाद बनारस संस्कृत विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में आचार्य भी हुए। आज डॉ. घिल्डियाल का नाम उत्तराखंड ज्योतिष रत्न के रूप में देश ही नहीं विदेशों तक फैला हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि संघर्षों से यहां तक का सफर तय करने वाले डॉ. घिल्डियाल शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक फैसले लेते हुए नए आयाम स्थापित करेंगे। कहा कि आज की युवा पीढ़ी को कैसे आगे बढ़ाया जा सके और शिक्षा के स्तर को कैसे बेहतर बनाया जा सके इसके लिए डॉ. घिल्डियाल प्रयासरत रहेंगे।