अल्मोड़ा। उत्तराखंड पूर्व पैरामिलिट्री कल्याण समिति की बैठक नगर के एक होटल में आयोजित की गयी। इस दौरान संगठन के कुमाऊं मंडल अध्यक्ष मनोहर सिंह नेगी ने मांग उठाई कि प्रदेश स्तर पर पैरामिलिट्री कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए। जिला स्तर पर भी इसकी शाखाएं खोली जाएं ताकि प्रदेश समेत पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में रहने वाले पूर्व पैरामिलिट्री सैनिकों और जवानों को इसका लाभ मिल सके। नेगी ने कहा कि देश की रक्षा के लिए पैरामिलिट्री जवान भी अपनी कुर्बानी देेते हैं लेकिन उन्हें शहीद का दर्जा नहीं मिलता है जो उनके साथ अन्याय है। वही संचालन करते हुए कुमाऊं मंडल सचिव रूप सिंह बिष्ट ने कहा कि पूर्व में पैरामिलिट्री कर्मियों को भी कैंटीन से मदिरा कोटा की सुविधा दी जाती थी। बाद में एसएसबी रानीखेत के आईजी ने एक आदेश जारी कर इसे बंद करवा दिया। तब से पैरामिलिट्री सैनिक इस सुविधा से वंचित हैं। उन्होंने कैंटीन सुविधा को बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पैरामिलिट्री कर्मियों को स्वास्थ्य सुविधा के लाभ से भी वंचित रखा गया है जो सौतेला व्यवहार है। उन्होंने कहा कि पैरामिलिट्री कंट्रीब्यूटी हेल्थ स्कीम (पीसीएचएस) को तुरंत लागू किया जाए। अन्य वक्ताओं ने कहा कि देश स्तर पर पैरामिलिट्री मंत्रालय अलग से गठित किया जाना चाहिए। वर्तमान में यह गृह मंत्रालय के अधीन है। उन्होंने कहा कि पैरामिलिट्री सैनिकों की उपेक्षा किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं होगी।बैठक में संगठन के संरक्षक केवी पांडे, पिथौरागढ़ अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह मेहता, ऊधमसिंह नगर अध्यक्ष विष्णु दत्त भट्ट, अल्मोड़ा उपाध्यक्ष टीडी शर्मा, नैनीताल अध्यक्ष दरवान सिंह बोरा, अल्मोड़ा कोषाध्यक्ष हर्षवर्धन चौधरी, हर सिंह नेगी, गिरीश मनाली, रमेश नेगी, गंगा सिंह, नंदन सिंह, नारायण सिंह, जेसी मनाली, पूरन सिंह, प्रेम सिंह, हेम सिंह, किशोर सिंह, हेम सिंह, डीके पांडे समेत कुमाऊं के छह जिलों के पैरामिलिट्री पूर्व सैनिक मौजूद थे