देहरादून/अल्मोड़ा। उत्तराखण्ड पुलिस मंथन-समाधान एवं चुनौतियां सप्ताह के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस दौरान डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिस कर्मियों को एक बड़ी सौगात दी है। अब पुलिस कर्मियों द्वारा अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के जन्मदिन व सालगिराह पर आकस्मिक अवकाश लिया जा सकेगा। इन महत्वपूर्ण फैसलों पर नजर डालें तो कार्यक्रम के दौरान तय हुआ कि अल्मोड़ा और श्रीनगर के महिला थाने को साइबर थाना के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।
लिए गए ये महत्वपूर्ण फैसले
1- पुलिस कर्मियों द्वारा अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के जन्मदिन एवं सालगिराह पर आकस्मिक अवकाश हेतु अनुरोध किया जाता है, तो उन्हें तुरंत अवकाश दिया जाएगा।
2- प्रत्येक जनपद में साइबर एक्सपर्ट्स की नियुक्ति के प्रयास किये जाएंगे।
3- सत्यापन अभियान लगातार चलाए जाएंगे एवं समय-समय पर उनकी समीक्षा की जाएगी।
4- अभिसूचना विभाग को सूचनाओं पर प्रोएक्टिव होकर कार्य करने के निर्देश दिए गए।
5- यातायात व्यवस्था के दृष्टिगत मुनिकीरेती व रुड़की क्षेत्र से यातायात उप निरीक्षकों व सीपीयू टीम को यातायात सुधार हेतु ऋषिकेश एवं मसूरी स्थानान्तरित करने के निर्देश दिए।
6- रोडवेज बस में पुलिसकर्मियों हेतु मुफ्त यात्रा/मासिक पास के प्रयास किये जायेंगे।
7- पुलिस के आधारभूत प्रशिक्षण में उत्तराखंड पुलिस एप, गौरा शक्ति योजना एवं अन्य तकनीकी सेवाओं के प्रशिक्षण जोड़ने को निर्देश दिए।
8- साइबर, ड्रोन एवं कम्प्यूटर से सम्बन्धित समस्त प्रशिक्षण डाइटेक देहरादून की आधुनिक लैब में कराये जाने का निर्णय लिया गया।
9- समस्त पुलिस कर्मियों को वार्षिक हेल्थ चेकअप आयोजित करने एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट के अधिक से अधिक जागरूकता सत्र चलाने के निर्देश दिए।
10- अन्य राज्यों में पुलिस के द्वारा किए जा रहे विशेष अभियानों की समीक्षा कर लागू करने के भी निर्देश दिए।
11- एसडीआरएफ, फायर सर्विस, यातायात पुलिस को पैरामेडिकल की ट्रेनिंग भी दी जायगी, जिससे गोल्डन आवर में घायलों की जान बचाई जा सके।
12- एसडीआरएफ में महिलाओं की प्रतिभागिता भी बढ़ाई जायगी।
13- जीआरपी में रेलवे विभाग के साथ समन्वय कर रेलवे स्टेशनों को सीसीटीवी से कवर किया जाए और ट्रेनों पर पत्थरबाजी से सम्बन्धित घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
14- पुलिस लाइन/विधानसभा/राजभवन एवं अन्य जगहों पर पीएसी हेतु टेंट के स्थान पर पी-फेब्रिकेटेड हट की व्यवस्था को प्रारम्भ किया जाए, जिससे कर्मचारियों के रहन-सहन का स्तर बढ़े।
15- डायल 112 में 2019 से आज तक 90 लाख कॉल आई हैं। 112 पर झूठी सूचना देने वालों के विरूद्ध भी कार्रवाई की जाए।
16- चीता कॉल पर जाने के पहले एक बार कॉलर के नम्बर पर भी कॉल कर लें। डायल 112 के माध्यम से एमडीटी (मोबाइल डाटा टर्मिनल) पर प्राप्त होने वाली सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने और रिस्पोंस टाइम को बेहतर करने हेतु निर्देशित किया गया।
17- फैक्स के स्थान पर ईमेल तथा पोलनेट का अधिकाधिक प्रयोग किया जाय।
18- ट्रैफिक नियंत्रण, चारधाम यात्रा, आपदा प्रबन्धन में ड्रोन का प्रयोग किया जाय।
19- नशा छोड़ चुके व्यक्तियों को ड्रग वारियर घोषित कर, उनसे ऑनलाइन काउंसलिंग कराएं। नशा पीड़ित एवं नशा पैडलर्स की प्रोफाइलिंग की जाए।
20- महिला हेल्पडेस्क एवं चीता मोबाइल को सीयूजी मोबाइल नम्बर प्रदान किये जाएंगे। भविष्य में पुलिस चौकियों को भी सीयूजी मोबाइल नम्बर प्रदान किये जाने का प्रयास किया जाएगा।
21- पुराने निरीक्षकों, उप निरीक्षकों एवं आरक्षियों को टैक सेवी बनाया जाएगा। इस हेतु पुलिस लाइन व बटालियनों में उन्हें प्रशिक्षण कराया जाएगा, जिससे वे भी तकनीक का बखूबी इस्तमाल कर सकें।
22- स्मार्ट बैरक्स की तर्ज पर अब थाने एवं चौकियों के शौचालयों को भी स्मार्ट बनाया जाएगा।
23- पीएसी जहां पर स्थायी रूप से निवास कर रही है, वहां पर उनकी रहने के स्तर में सुधार हेतु सेनानायक 31वीं वाहिनी पीएसी की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी है।
24- पुलिस कर्मियों में तनाव मुक्ति हेतु उत्तराखण्ड पुलिस वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (उपवा) के तत्वाधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
25- स्कूल एवं कॉलेजों में छात्रों को पुलिस लाइन देहरादून में 01 सप्ताह का आत्म रक्षा का प्रशिक्षण दिये जाने का निर्णय लिया गया।
26- पुलिस कर्मियों के वेलफेयर के तहत शुरू की गयी व्हाट्सएप पर छुट्टी हेतु आवेदन करने की व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा।
27- महिला हल्पडेस्क एवं चीता मोबाइल को सीयूजी मोबाइल नम्बर प्रदान किये जाएंगे। भविष्य में पुलिस चौकियों को भी सीयूजी मोबाइल नम्बर प्रदान किये जाने का प्रयास किया जाएगा।