अल्मोड़ा। यूं तो हमारी सरकारें समय-समय पर महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है वहीं दूसरी तरफ आए दिन महिलाओं, युवतियों के उत्पीड़न मामले सामने आते हैं। आलम यह है कि प्राईवेट सेक्टर से लेकर सरकारी महकमों तक नारी उत्पीड़न हो रहा है, लेकिन उत्पीड़न के ये मामले ऐसे रफा-दफा कर दिए जाते हैं जैसे कोई मामूली बात हो। अभी हाल ही में अंकिता हत्याकाण्ड ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था। इस हत्याकाण्ड को लेकर देशभर में रोष देखने कोे मिला और तमाम संगठनों ने सड़कों पर उतरकर अंकिता को न्याय देने की मांग की। अंकिता हत्याकाण्ड का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक के बाद एक नए मामले सामने आ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला अभी अल्मोड़ा जिले के रानीखेत, भुजान से सामने आया। यहां भुजान स्थित उत्कृष्ट राजकीय विद्यालय में इंग्लिश की प्रवक्ता पद पर तैनात महिला ने अपने ही विद्यालय के हिन्दी प्रवक्ता मिथिलेश्वर सिंह पर छेड़छाड़, शोषण, अभद्रता और गंदी-गंदी गाली गलौच करने का आरोप लगाया था। महिला शिक्षिका का आरोप तो यहां तक था कि उक्त मिथिलेश्वर सिंह उनके बॉडी पार्ट्स पर भी भद्दे कमेंट्स करते है इसका विरोध करने पर उन्होनें मृणाल के खिलाफ जाल बिछाना शुरू कर दिया और विद्यालय की एक महिला और प्रिंसिपल का झगड़ा जब हुआ तब मृणाल के ऊपर भी एसटी एक्ट में मुकदमा दायर करवा दिया। यह मामला राजस्व पुलिस के पास था, लेकिन जब मीडिया तक पहुंचा तो प्रशासनिक अमले में हलचल हुई और पता चला कि अब मामला रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है। इधर अब शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों ने दोषियो के साथ-साथ पीड़िता का भी दुर्गम क्षेत्र में ट्रांसफर करने के आदेश दे दिए है।
इस आदेश से महिला शिक्षिका खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रही है। उनका कहना है कि अगर कोई महिला छेड़छाड़, अभद्रता, गाली-गलौज बर्दाश्त करती रहे तो ठीक है, अगर वही महिला इसका विरोध करे तो उसका ट्रांसफर दुर्गम क्षेत्र में कर दिया जाएगा, ये कहां का न्याय है। उधर इस मामले को लेकर अब सियासत गरमाने के पूरे आसार है। मीडिया में मामला उछलने के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सोशल मीडिया पर एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने सरकार पर निशाना साधा है।