अल्मोड़ा। डायट अल्मोड़ा में आयोजित पांच दिवसीय 21वीं सदी के कौशल और कौशलम् अभिमुखीकरण प्रशिक्षण का आज समापन हुआ। प्रशिक्षण के दौरान जिले के 11 विकासखंड के माध्यमिक स्तर के शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस प्रशिक्षण में 21वीं सदी के कौशलों के संबंध में बताया गया। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में किस प्रकार क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी कोलैबोरेशन तथा कम्युनिकेशन स्किल को विद्यालय में बच्चों को किस प्रकार सिखाया जाए। 21वीं सदी में डिजिटल साक्षरता के महत्व तथा प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी कार्यशाला में यूसी पांडे द्वारा चर्चा की गई। बताया गया कि विभिन्न सामाजिक कौशलों जैसे सहयोग, नेतृत्व, लचीलापन, पहल करना , समानुभूति आदि भी 21वीं सदी में महत्वपूर्ण जीवन कौशल है। यह कौशल विद्यार्थियों के साथ ही शिक्षकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। विद्यालय स्तर पर कक्षा शिक्षण में तथा विद्यालय पाठ्यचर्या में किस प्रकार इन जीवन कौशलो को बच्चों को सिखाया जा सकता है इस संबंध में कार्यशाला में विचार साझा किए गए। कार्यशाला में माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 में चल रहे कौशलम् पाठ्यक्रम पर देहरादून से आए विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को बताया गया। प्रशिक्षण के पांचवे दिवस में समापन अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक डॉ. दीपा जलाल द्वारा विभिन्न प्रतिभागियों को जीवन कौशल के महत्व को समझ कर इन्हें अपने बच्चों तक पहुंचाने को कहा गया। प्रशिक्षण में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कौशलो को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया। समापन पर डॉ. हेमचंद जोशी द्वारा नई शिक्षा नीति में इन कौशलों को किस प्रकार समाहित किया गया है इस पर प्रतिभागियों के साथ विचार विमर्श किया गया। गोपाल सिंह गैड़ा द्वारा प्रतिभागियों को जीवन कौशल के साथ मूल्यों की शिक्षा को भी आत्मसात करने हेतु कहा गया। शिविर में डॉ. सरिता पांडे द्वारा क्रिटिकल थिंकिंग पर प्रतिभागियों को विस्तार से बताया गया तथा महेंद्र भंडारी द्वारा योग्यता आधारित मूल्यांकन पर अपनी बात रखी गई। प्रशिक्षण की समन्वयक डॉ. दीपा जलाल के द्वारा सहयोग की भावना तथा संप्रेषण कौशल की महत्ता पर प्रतिभागियों को बताया गया। प्रतिभागियों द्वारा बड़े मनोयोग से प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया देहरादून से आए विषय विशेषज्ञ चेष्टा शर्मा तथा मिस्टर दिनेश के द्वारा कौशलम् कार्यक्रम के विषय में विस्तार से बताया गया। प्रशिक्षण के अंत में प्राचार्य गोस्वामी द्वारा सभी प्रशिक्षुओं को 21 सदी के कौशलों को विद्यार्थियों तक ले जाने को कहा गया। कार्यक्रम में अशोक बनकोटी द्वारा समस्त प्रतिभागियों को धन्यवाद व्यक्त कर कौशलम कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु कहां गया। इस अवसर पर डॉ. हरीश जोशी, डॉ. प्रकाश पंत, बीसी पांडे, एलएम पांडे द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।