लोकसभा और राज्यसभा में संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में केंद्रीय मंत्री अमित साह के बयान की मांग कर रहे विपक्षी दल के सांसदों के अलोकतांत्रिक तरीके से निलंबन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खासा आक्रोश व्याप्त है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई के विरोध में अल्मोड़ा के गांधी पार्क में धरना दिया और केंद्र सरकार पर स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अपमान का आरोप लगाया।
शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता नगर के गांधी पार्क में एकत्र हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र भोज ने कहा कि विपक्ष के 143 सांसदों की निलंबन की कार्रवाई का कांग्रेस पार्टी कड़ी निंदा करती है। भोज ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्य सभा उपसभापति द्वारा लोकतंत्र के सभी मानकों एवं मापदंडों पर कुठाराघात करते हुए अलोकतांत्रिकता का घिनौना चेहरा सबके सामने उजागर किया है। कांग्रेस पार्टी सहित सभी विपक्षी दलों के 143 सांसदों को देश की जनता के हितों की रक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। उसके अनुसार वह सरकार से स्पष्टीकरण की मांग कर रहे थे। लेकिन उन्हें संसद से निलंबित कर दिया गया। भोज ने कहा कि यह भाजपा के फासीवादी एवं तानाशाही चरित्र का द्योतक ही नहीं अपितु स्वस्थ लोकतंत्र के भविष्य के लिए उचित नहीं है। जिसे लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी दल सहन नहीं करेगा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का सदैव लोकतंत्र एवं लोकशाही में गहरा विश्वास रहा है और आज देश में लोकतंत्र के जितने भी स्तंभ हैं। उनकी स्थापना में महात्मा गांधी से लेकर आज तक कांग्रेस पार्टी का एक लंबा इतिहास रहा है। चुने हुए जनप्रतिनिधियों को उनके कर्तव्यों से विमुक्त करना लोकतंत्र के प्रति अपराध है। असहमति के स्वरों को सुनना एवं स्वीकार करना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है तथा भारतीय संसद लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा का सर्वोच्च मंच है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि चुने हुए सांसदों को संसद से बाहर करने की यह घटना लोकतंत्र के इतिहास में काले अक्षरों में अंकित की जाएगी। धरना प्रदर्शन में तारा चंद्र जोशी, पीतांबर पांडे ,विनोद वैष्णव, शाहबुदीन, हेम तिवारी, धीरज गैलाकोटी, अवनी अवस्थी, एमएस राजपूत, एमके जोशी, सुनील कर्नाटक, रमेश नेगी, ललित सतवाल ,रोहित रौतेला, पूरन रौतेला, अरविंद रौतेला, मोहन देवली,दीपक कुमार, हर्ष कनवाल, दीपा साह, विपुल कार्की, विक्रम बिष्ट, नारायण दत्त पांडे, थापा, तारु तिवारी, संजीव कर्मियाल,हरेंद्र रावत, दानिश खान, नवल बिष्ट आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।