हवालबाग क्षेत्र के स्यूना के जंगल में रविवार को आग लग गई। जंगल के एक हेक्टेयर से अधिक दायरे में लगी आग से वन संपदा को खासा नुकसान पहुंचा है। चीड़ के बड़े-बड़े पेड़ सुलगते रहे और कई पेड़ धराशायी होकर गिर गए। सुबह से ही जंगल से आग की लपटें और धुआं उठता रहा, बावजूद इसके वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंच सकी। रविवार को स्यूना के जंगल में सुबह से आग लगी रही। मामले में वन विभाग बेखबर रहा। देर शाम तक भी वन विभाग की टीम आग बुझाने मौके पर नहीं पहुंच सकी। ठंड के मौसम में जंगलों में आग लगने की घटना सामने से वन विभाग की मुश्किल बढ़ गई है। रेंजर मोहन राम आर्या ने कहा कि स्थानीय लोग ही पिरुल जलाने के लिए जंगलों में आग लगा रहे हैं। जल्द टीम मौके पर भेजकर आग बुझा ली जाएगी।
अल्मोड़ा में ठंड के मौसम में अधिकांश क्षेत्रों के लोग सर्दी, जुकाम और सांस की दिक्कत से जूझ रहे हैं। ऐसे आबादी में पहुंचा जंगलों से उठने वाला धुआं उनकी परेशानी और बढ़ा रहा है। स्यूना क्षेत्र में भी जंगल में आग लगने से धुआं आबादी में पहुंच गया, इससे लोग परेशान रहे। धुएं से बच्चे और बुजुर्गों में सांस की दिक्कत बढ़ने लगी है। अल्मोड़ा में रविवार देर रात खुटकुनी भैरव मंदिर के पास जंगल में आग लग गई। इसके आबादी तक पहुंचने से लोगों में अफरातफरी रही। पूर्व सभाषद अमित साह मोनू ने घटना की सूचना आपदा प्रबंधन विभाग को दी। सूचना पर पहुंची दमकल की टीम ने एक घंटे में आग पर काबू पाया। अल्मोड़ा में एक माह पूर्व आरतोला और पनुवानौला के जंगलों में भी आग लगने की घटना सामने आई थी। यहां दो हेक्टेयर से अधिक जंगल को नुकसान हुआ था। वहीं शुक्रवार को बागेश्वर के चिरपतकोट में भी आग लगने से वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।