अल्मोड़ा: मलेरिया रोग के कारणों की खोज करने वाले विज्ञानी रोनाल्ड रास का अल्मोड़ा से गहरा रिश्ता रहा है। रोनाल्ड का जन्म मुख्यालय स्थित थामसन हाउस में हुआ था। मच्छर के काटने से मलेरिया रोग फैलने की खोज करने पर उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मुख्यालय स्थित थामसन हाउस में हुआ था जन्म
आपको बता दें, रोनाल्ड रास के पिता सर कैंपबेल रास अंग्रेजी शासन में भारतीय सेना के स्कॉटिश अफसर थे। नैनीताल में सेवा देने के दौरान 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में कैंपबेल अल्मोड़ा आए और थामसन हाउस में रहने लगे। यहां 13 मई 1857 को रोनाल्ड रास का जन्म हुआ। आठ साल की उम्र में वह शिक्षा प्राप्त करने इंग्लैंड चले गए। 1881 में रोनाल्ड का भारतीय चिकित्सा सेवा के लिए चयन हुआ।
बीमारी के कारण व उपचार की खोज पर मिला था नोबल पुरस्कार
सात वर्ष भारत में कार्य करने के बाद 1888 में वह इंग्लैंड चले गए। पब्लिक हेल्थ में डिप्लोमा लेने के बाद 1889 को भारत लौट आए। उस दौर में बुखार से महामारी फैल रही थी। 1892 में मलेरिया को लेकर उन्होंने शोध करना शुरू किया। 1897-98 में सफलता मिली। उन्होंने साबित कर दिया कि मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। बीमारी के कारण की खोज करने पर 1902 को उन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने ही बीमारी से निपटने को अचूक औषधि कुनैन की खोज की थी।
तीन वर्षों से एक भी मलेरिया का मरीज नहीं
पिछले तीन वर्षों से जिला अस्पताल में मलेरिया का एक भी मरीज सामने नहीं आया है। हालांकि कुछ बाहर से आए मरीज इस रोग से ग्रसित हो जाते हैं। लेकिन कोरोना के बाद से अब तक जिला अस्पताल में मलेरिया के रोगी नहीं निकले हैं।