रानीखेत। रामनगर-भतरौजखान रानीखेत राजमार्ग की दुदर्शा देख पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का पारा चढ़ गया और उन्होंने अपने समर्थकों के साथ स्वौराल में बीच सड़क पर धरना देकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। इस दौरान पूर्व सीएम रावत ने करीब 30 मिनट तक मौनव्रत रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में इस सड़क को पर्यटन के लिहाज से हाटमिक्स बनाने का काम शुरू हुआ था और इसे राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित करने का खाका भी खींचा गया, लेकिन डबल इंजन की सरकार में सड़क बदहाली का दंश झेल रही है।
कहा कि कई बार सरकार को इस सड़क की महत्ता बता इसे दुरुस्त करने की गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन वह चुप्पी साधे है। इस दौरान वाहनों को रोके जाने के ऐलान पर पुलिस फोर्स भी तैनात रहा। इससे पहले पूर्व सीएम रावत का काफिला करीब पौने एक बजे रामनगर भतरौजखान रानीखेत राजमार्ग पर स्वौराल क्षेत्र में पहुंचा। इस दौरान कांग्रेसियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद बरसाती पानी से भरे सड़क के गड्ढों के पास ही रावत ने धरना दिया। उन्होंने कहा कि यह सड़क रामनगर को पर्यटक नगरी रानीखेत से जोड़ती है। आपदाकाल में जब अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे बंद हो जाता है तो रामनगर रानीखेत रोड संकटमोचक का काम करती है। इस दौरान पुष्कर दुर्गापाल, नारायण सिंह रावत, घनानंद शर्मा, गोविंद सिंह नेगी, मुमताज, मोहन फत्र्याल, कुलदीप दुर्गापाल, अर्जुन सिंह, अमित रावत आदि मौजूद थे।