अल्मोड़ा। नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। अल्मोड़ा में आज सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने एक मंच पर आकर हाईकोर्ट की बैंच को ऋषिकेश शिफ्ट करने के फैसले का विरोध किया। नगर के एक होटल सभागार में हुई विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन के समय स्पष्ट था कि गढ़वाल में राजधानी रहेगी और कुमाऊं में हाईकोर्ट रहेगा। कुमाऊं में हाईकोर्ट ही एकमात्र बड़ा संस्थान बचा हुआ है। हाईकोर्ट शिफ्ट होने से कुमाऊं की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी और पलायन भी बढ़ेगा। वहीं उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि हाईकोर्ट शिफ्टिंग का सवाल कुमाऊं-गढ़वाल का नहीं बल्कि उत्तराखंड की अवधारणा का सवाल है। उत्तराखंड राज्य का उदय अलग पर्वतीय राज्य की परिकल्पना के साथ हुआ था और इसी अनुरूप इस पर विचार करना चाहिए। इस दौरान डॉ. वीडीएस नेगी, विनय किरौला, पूरन चंद्र तिवारी, डॉ. जेसी दुर्गापाल, केवल सती, आनन्द सिंह बगडवाल, जमन सिंह बिष्ट, कवींद्र पंत, विशाल वर्मा, सुरजीत टम्टा, जयराम आर्या, संजय पांडेय आदि ने अपने विचार रखे।