अल्मोड़ा। सरदार भगत सिंह की शहादत दिवस पर आज उत्तराखण्ड लोक वाहिनी ने संगोष्ठी का आयोजन किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि सरदार भगत सिंह ने इस देश की आजादी के लिए अपनी शहादत दी। उनका सपना था कि भारत में गरीब और अमीर के बीच की खाई समाप्त हो सके, लेकिन आजादी के 70 सालों में यह खाई और मजबूत हो गई है। देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का विकास होने के बजाय ह्रास हो रहा है। कहा कि उड़ीसा सरकार ने संविदा में नियुक्ति के बजाय यह नीति बनाई है कि कर्मचारियों को संविदा के बजाय स्थाई नियुक्ति प्रदान की जाए। यह देश में एक उदाहरण है। कहा कि उत्तराखंड सरकार को भी उड़ीसा सरकार से सीखना चाहिए।अस्थाई संविदा कर्मचारियों के बजाय स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति होनी चाहिए। इस अवसर पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके विचारों को आत्मसात किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता वाहिनी के वरिष्ठ नेता जगत सिंह रौतेला ने की तथा संचालन दयाकृष्ण कांडपाल ने किया। बैठक में जगत रौतेला, जंगबहादुर थापा, अजयमित्र बिष्ट, दयाकृष्ण काण्डपाल, कुणाल तिवारी, रेवती बिष्ट, माधुरी मेहता, विशन दत्त जोशी, अजय सिंह मेहता, पूरन चन्द्र तिवारी, अन्नीसुदीन, अनिल सिंह आदि शामिल रहे।