नई दिल्ली। लंबे समय बाद दिल्ली में मेयर का चुनाव सम्पन्न हो गया और करीब 10 साल बाद राजधानी दिल्ली को महिला मेयर मिली है। 2011 में भाजपा की रजनी अब्बी आखिरी महिला मेयर थीं। इसके बाद 2012 में शीला दीक्षित सरकार में दिल्ली नगर निगम को 3 हिस्सों में बांटा गया था। 2022 में इन हिस्सों को मिलाकर फिर से एक कर दिया गया है। आज बुधवार को हुए चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय को 150 वोट मिले। उन्होंने भाजपा की रेखा गुप्ता को 34 वोटों से हराया।
चुनाव में 241 पार्षद, 10 सांसद और 14 विधायकों ने वोट डाले, जबकि 9 कांग्रेस पार्षदों ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। वहीं सुबह 11 बजे वोटिंग शुरू होने से पहले सिविक सेंटर में हंगामे जैसे हालात दिखे। AAP पार्षदों की पुलिस से झड़प भी हुई। AAP पार्षद सदन में बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता की एंट्री का विरोध कर रहे थे। हंगामे की आशंका को देखते हुए सदन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। सदन में SSB जवानों को तैनात किया गया।
इससे पहले 3 बार मेयर चुनाव कराने की कोशिश की गई, लेकिन भाजपा और आप मेंबर्स के हंगामे के चलते ये नहीं हो सके। हंगामे की वजह LG वीके सक्सेना की ओर से मनोनीत 10 MCD सदस्यों को वोट देने की अनुमति का फैसला था। इसे लेकर AAP की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थीं। इसमें मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव में वोटिंग राइट देने के फैसले को चुनौती दी गई। 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने AAP के पक्ष में फैसला सुनाया था। 24 घंटों के अंदर नोटिस जारी करने के लिए कहा था।