अल्मोड़ा। स्याल्दे तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत टिटरी से एक खौफनाक मामला सामने आया है, यहां शरारत करने पर एक ठेकेदार के कर्मचारियों ने मासूम बच्चों को ऐसी सजा दी, जिसे देख और सुनकर हर कोई हैरान है और कर्मचारियों की इस हरकत से लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। इसको लेकर एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कर्मचारियों द्वारा कैसे बच्चों को शरारत करने की सजा दी जा रही है।
इस वीडियो में दिख रहा है कि कर्मचारी पहले बच्चों से शरारत के बारे में पूछते हैं और फिर उनके नाम पूछे जाते हैं इसके बाद बच्चों को अपने सिरों पर गर्म लीसा डालने को मजबूर किया जाता है। इस घटना को लेकर जिलेभर में खासा रोष देखने को मिल रहा है। लोग कर्मचारियों और ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। हांलाकि इस मामले में जब अल्मोड़ा टुडे द्वारा स्याल्दे तहसील के नंबरों पर बात करनी चाही तो नंबर बंद जा रहा था।
बताया जाता है कि ये पांचों बच्चे अपनी गायों और बैलों को चराने जंगल की ओर गए थे और खेल-खेल में ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा निकाले जा रहे लीसा के कूप उठाकर फेंक दिए। ये देख कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान में जा पहुंचा और वो उन पांचों बच्चों को पकड़ कर लीसा डिपो ले गए, जहां उन्होंने बच्चों को लीसा कूप पकड़ा कर लीसा अपने सिर पर उड़ेलने को कहा। इस पूरी घटना की वीडियो ही सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। जिसमे क्रूरता दिखाते हुए ठेकेदार और कर्मचारी बच्चों को डरा धमका रहे है। वीडियो में बच्चों को लीसा अपने सिर पर डालने को मजबूर किया जा रहा है बच्चों की आंखों के जलन तक होने लगी। लीसा के कारण बच्चों की आंखे सूज गयी। इस अमानवीय कृत्य पर तमाम लोगो ने ठेकेदार और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।
आपको बता दें कि लीसा कोलतार होता है जिसे हम डामर भी कहते है। ये चिपचिपा पदार्थ होता है लीसा चीड़ के पेड़ से निकाला जाता है, राज्य सरकार के लिए लीसा राजस्व प्राप्ति के लिए एक बड़ा जरिया है इसका उपयोग तारपीन के तेल बनाने में भी किया जाता है। लीसा बनाते वक्त गर्म किया जाता है इससे आंखों में जलन होती है और ज़्यादा सूंघने पर नशा तक हो जाता है। लीसा सड़को के निर्माण के लिए सबसे अहम पदार्थ है।