अल्मोड़ा। अपनी कुशल कार्यशैली को लेकर लोगों के दिलों पर राज करने वाले आईएएस ऑफिसर दीपक रावत को उत्तराखण्ड शासन ने कुमाऊं कमिश्नर बनाया है। सोशल मीडिया के स्टार के रूप में पहचाने जाने वाले आईएएस दीपक रावत की कार्यशैली ही है जो उन्हें एक बेहतर प्रशासक बनाती है। जनहित को लेकर तत्काल एक्शन लेने वाले आईएएस दीपक रावत न केवल शासन-प्रशासन में बल्कि सोशल मीडिया पर भी खासे सुर्खियां बटोरते हैं। उनके प्रशंसकों द्वारा सोशल मीडिया पर दीपक रावत फैंश क्लब के नाम से एक पेज बनाया हुआ है जिसमें खासे लोग जुड़े हुए हैं यही नहीं यूट्यूब पर भी उनके अच्छे-खासे फॉलोअर्स हैं और समय-समय पर इन पेजों पर उनके वीडियो भी देखने को मिलते हैं, जिसमें कभी वह सरकारी कामों पर एक्शन लेते हुए कार्यवाही करते देखे जाते हैं तो कभी आमजन के बीच पहुंचकर हालचाल जानते हैं। यही नहीं आईएएस दीपक रावत युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देने के साथ-साथ युवाओं द्वारा बनाई गयी नई टैक्निक को भी करीब से देखते हैं और उसपर क्या अच्छा हो सकता है इसके लिए सलाह-मशवरा भी करते रहते हैं।
बता दें कि आईएस दीपक रावत पहले भी नैनीताल में बतौर जिलाधिकारी रहकर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कमिश्नर बनने से पहले वह उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) और पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड (पिटकुल) के एमडी का काम देख रहे थे। गौरतलब है कि कल देर रात शासन ने आईएएस अफसरों समेत कुल 35 नौकरशाहों के विभागों में फेरबदल का आदेश जारी किया था। इस दौरान कुमाऊं आयुक्त सुशील कुमार को गढ़वाल मंडल का आयुक्त बनाए जाने के आदेश शासन द्वारा जारी किए गये। इसके बाद कुमाऊं मंडल आयुक्त का पद खाली हो गया था। आज 1 दिसम्बर को शासन ने एक और आदेश जारी करते हुए आईएएस दीपक रावत को कुमाऊं कमिश्नर की जिम्मेदारी सौंप दी।
आईएएस दीपक रावत मूलरूप से मसूरी के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मसूरी में पूरी की और इसके बाद दिल्ली के हंसराज कॉलेज से उन्होंने इतिहास विषय में स्नातक की पढ़ाई की। बाद में उन्होंने जेएनयू से एमफिल किया। और वर्ष 2007 में दीपक रावत ने सिविल सेवा परीक्षा पास की और वह उत्तराखंड कैडर के अफसर बने। बता दें कि इससे पहले दीपक रावत न केवल नैनीताल के जिलाधिकारी रहे बल्कि जिलाधिकारी रहने के दौरान उन्होंने कुमाऊं के कार्यवाहक कमिश्नर की भी जिम्मेदारी बखूबी निभाई थी। आईएएस दीपक रावत उत्तराखण्ड के उन अधिकारियों में गिने जाते हैं जो धरातल पर काम करते हुए तत्काल एक्शन लेते हैं।