सल्ट। जिम कॉर्बेट पार्क से लगे मरचूला के महाशीर फिशिंग कैंप में कौतिक फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में फिल्म फेस्टिवल से राज्य को नई पहचान मिलेगी। उत्तराखंड में पलायन रोकने में फिल्में सार्थक भूमिका निभा सकेंगी। उन्होंने ओटीटी प्लेटफार्म के लिए भी नई नीति लाने की बात कही। जम्मू-कश्मीर के बाद उत्तराखंड में क्षेत्रीय संस्कृति को बढ़ावा देने वाली नीति लागू होगी।
रविवार को कौतिक फिल्म फेस्टिवल में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि फिल्म निर्माण से लगे सभी लोगों ने मिलकर यहां विचार-विमर्श किया है और फिल्मों का बहुत सुंदर प्रदर्शन हुआ है। इस प्रकार के सुदूर और पिछड़े क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए यह सार्थक पहल है। इन क्षेत्रों में फिल्म फेस्टिवल जरूर होने चाहिए जिससे हमारी फिल्मों और उत्तराखंड की खूबसूरती को प्रोत्साहन मिल सके। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ओटीटी प्लेटफार्म के तहत नई नीति लेकर आ रही हैं। इसके तहत अगर फिल्मों में उत्तराखंड के क्षेत्रीय व्यंजन, लोक कला, क्षेत्रीय गीतों की शूटिंग करेंगे तो इस पर इंसेंटिव दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि क्षेत्रीय संस्कृति को भी बढ़ावा मिले और इन्हें इसमें शामिल किया जाए। जम्मू-कश्मीर के बाद अब उत्तराखंड में भी इस प्रकार की नीति बनाई है। उन्होंने कहा कि हम भी इसे इंप्लीमेंट कर रहे हैं। पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए हमारा प्रयास निरंतर जारी है। इस दौरान फेस्टिवल में 44 देशों के फिल्म निर्माण में भूमि निभाने वाले लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में 40 फिल्में प्रद की गई हैं, जिसमें छह एनिमेशन,आठ डॉक्यूमेंट्री, 16 शॉर्ट फि और 10 फीचर फिल्में दिखाई गई हैं। इसमें विभिन्न देशों से आए निर्देशक और कलाकारों ने हिस्सा लिया।