अल्मोड़ा। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन जिला कार्यकारिणी की रविवार को नगरपालिका सभागार में हुई बैठक में पुरानी पेंशन बहाल न होने पर नाराजगी जताई गई। संगठन के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने इस मांग के लिए 16 अप्रैल को अल्मोड़ा में पेंशन संवैधानिक मार्च निकालने का एलान किया।
वक्ताओं ने कहा कि पुरानी पेंशन प्रणाली कार्मिकों का हक है। कार्मिकों का पैसा शेयर बाजार के हवाले किया जा रहा है जिससे उनका भविष्य खतरे में है। पेंशन न केवल कार्मिकों के बुढ़ापे का सहारा है बल्कि उनका संवैधानिक अधिकार है लेकिन सरकार इसे बहाल करने को लेकर गंभीर नहीं है। चेतावनी दी कि पुरानी पेंशन बहाली तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
बैठक में 16 अप्रैल को प्रस्तावित पेंशन संवैधानिक मार्च की तैयारियों के लिए चर्चा कर इसे सफल बनाने के लिए जिले में संपर्क अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। बैठक में डॉ. मनोज जोशी, कुलदीप जोशी, जगदीश भंडारी, गिरिजाभूषण जोशी, शंकर भैसोड़ा, दीपक तिवारी, पंकज बहुगुणा, तारा सिंह बिष्ट, बसंत पांडे ने विचार रखे। संचालन धौलादेवी ब्लॉक संयोजक राजू महरा ने किया।
बैठक में मोहन बिष्ट, कैलाश जोशी, खुशाल महर, प्रमोद मेहरा, दीपक पांडेय, महेंद्र गुसाईं, कुंदन कनवाल, अनिल कांडपाल, पवन मुस्युनी, पीएस मेहता, युगल मठपाल, संजय बिष्ट, राजेंद्र लटवाल, दिनेश गिरी, रमेश पांडेय, प्रशांत लोहनी, जनार्दन तिवारी, गोविंद जोशी, मनोज पाठक, एसएस डंगवाल, चंदन सिंह बिष्ट, विनोद कुमार, पीएस बोरा आदि मौजूद रहे।
पेंशन बहाली राज्य का विषय है जबकि प्रदेश सरकार इसे केंद्र का मामला बता रही है। छह राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है लेकिन उत्तराखंड में सरकार इसे लागू करने से हाथ पीछे खींच रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। – गणेश सिंह भंडारी, जिलाध्यक्ष, पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन।
वर्तमान में सभी कर्मचारी नई पेंशन योजना के दायरे में हैं जो उनके हित में सही नहीं है। सरकार को सभी कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिए। सेवानिवृति के बाद पेंशन ही कर्मचारियों के जीवन का सहारा होती है। अब ये भी नहीं दी जा रही है। – भूपाल सिंह चिलवाल, जिला मंत्री, पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन।
सांसद और विधायक जब पुरानी पेंशन ले सकते हैं तो फिर अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों को पुरानी पेंशन से वंचित करना संविधान का उल्लंघन है। दोहरी व्यवस्था किसी भी कीमत में स्वीकार नहीं की जाएगी। पुरानी पेंशन बहाल कराकर ही दम लेंगे। – धीरेंद्र कुमार पाठक, प्रांतीय कोर कमेटी सदस्य, पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन।
कर्मचारियों के वेतन से कटौती कर उनकी मेहनत की कमाई को शेयर बाजार के हवाले किया जा रहा है जो गलत है। कर्मचारियों की मेहनत की कमाई को बर्बाद कर उनके भविष्य को अंधकारमय किया जा रहा है। – नितेश कांडपाल, जिला मीडिया प्रभारी, पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन।
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