अल्मोड़ा जिले के दूरस्थ गांव के एक युवक ने सरकारी विद्यालय में पढ़कर चंद्रयान-3 की टीम में शामिल होकर मिसाल पेश की है। इसरों के चंद्रयान-3 मिशन टीम में शामिल वैज्ञानिकों में धौलादेवी विकासखंड के पुनौली निवासी वैज्ञानिक राजेंद्र सिंह सिजवाली भी हैं। उन्होंने पावर सिस्टम को विकसित करने में प्रमुख योगदान दिया। राजेंद्र सिंह सिजवाली की भाभी गीता कोश्यारी सिजवाली ने बताया कि राजेंद्र ने जीआईसी द् यूनाथल से हाईस्कूल और जीआईसी अल्मोड़ा से इंटर किया। विपिन त्रिपाठी कुमाऊं इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वाराहाट से इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक किया। वर्ष 2005 में उनका इसरो में वैज्ञानिक पद पर चयन हो गया। उनकी तैनाती अंतरिक्ष उपयोग केंद्र अहमदाबाद में है। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर प्रोजेक्ट मैनेजर रहते हुए उन्होंने अपने केंद्र के महत्वपूर्ण सेंसर के लिए पावर सिस्टम को विकसित करने में प्रमुख योगदान दिया। उन्होंने इसरो के कई अभियानों में बेहतर काम किया है। उनकी उपलब्धि पर उनके गांव पुनौली में खुशी की लहर है। राजेंद्र ने अपनी उपलब्धि का श्रेय माता हीरा देवी और पिता स्व. दीवान सिंह सिजवाली, बड़े भाई सीसीएमबी हैदराबाद के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पूरन सिंह सिजवाली को दिया है।