अल्मोड़ा। पूर्व दर्जा राज्यमंत्री बिट्टू कर्नाटक प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे ज्ञापन में कहा कि शारदीय नवरात्र अवधि में उत्तराखण्ड विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में सर्वत्र रामलीलाओं की धूम रहती है। इस दौरान क्षेत्र के अनेक बालक, बालिकायें एवं क्षेत्रीय कलाकार इन रामलीलाओं में प्रतिभाग कर हमारी सभ्यता संस्कृति एवं ऐतिहासिक धरोहरों को सजीव एवं संजोये रखने का कार्य कर रहे हैं। रामलीलाओं की घटती संख्या का मुख्य कारण सरकार की अनदेखी है, क्योंकि शारदीय नवरात्र के महापर्व के दौरान इन रामलीलाओं में मुख्य रूप से प्रतिभाग करने वाले मुख्यतः विद्यालय, कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रायें होते हैं को नहीं मिलने वाला अवकाश और इस अवधि के दौरान होने वाली परीक्षायें हैं जिस कारणवश ये सभी कलाकार चाह कर भी इन रामलीलाओं में प्रतिभाग नहीं कर पाते हैं। आज आवश्यकता है कि सरकार इन रामलीलाओं को संरक्षित करने और विद्यालयों, कालेजों में शारदीय नवरात्र में अवकाश की घोषणा करने का कार्य करे साथ ही जो सरकारी विभाग नियमों के नाम पर इन रामलीला समितियों के कार्य को दुष्कर बनाते हैं को सहयोग करने हेतु आदेशित करें। ज्ञापन में सीएम से अनुरोध किया गया कि इन ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के अतिरिक्त इन रामलीलाओं को विशेष अनुदान एवं सहयोग प्रदान करने का कार्य करें। साथ ही इस अवधि में विद्यालय, कालेजों में अवकाश घोषित किया जाए। साथ ही सरकारी विभागों द्वारा रामलीलाओं की मंचन अवधि में एकत्रित किये जाने वाले बिल, कर, अधिभार को समाप्त करने के निर्देश तत्काल निर्गत किया जाए।