नैनीताल। कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से, ये नए मिजाज का शहर है जनाब, जरा फ़ासले से मिला करो। लगता है उत्तराखंड में कांग्रेस की मुश्किलें कम नही होने वाली हैं। कांग्रेस के मास्टरमाइंड पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सामने उत्तराखंड में भी पंजाब जैसे हालात खड़े हो गए हैं। आज जैसे ही भाजपा मंत्री यशपाल आर्या और उनके पुत्र नैनीताल विधायक संजीव ने कांग्रेस में दुबारा एंट्री की वैसे ही कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गयी। उनके कांग्रेस में आने के बाद जहां कांग्रेस के एक गुट ने जश्न मनाया तो वहीं दूसरे गुट में मायूसी देखने को मिली।
यशपाल और संजीव आर्य के कांग्रेस में आने के बाद नैनीताल की पूर्व विधायक व वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री सरिता आर्या की नाराजगी खुलकर सामने आ गयी है। आज देर शाम मीडिया से रूबरू होते हुए सरिता आर्या ने कहा कि यशपाल और संजीव आर्या कांग्रेस में सिर्फ मलाई खाने के लिए आये हैं। सरिता आर्या ने यहां तक कह दिया कि अगर वो कांग्रेस की तरफ से नैनीताल विधानसभा से टिकट की दावेदारी करेंगे तो वह पार्टी छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगी। यही नही उन्होंने कहा कि वह 5 साल से मेहनत कर रही हैं और कांग्रेस की मजबूती के लिए हमेशा से प्रयास करती आई हैं। ऐसे में अगर उन्हें टिकट नही मिला तो वह इसका विरोध करेंगी और पार्टी छोड़ने पर मजबूर होंगी। उन्होंने इसका फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है। कुल मिलाकर उत्तराखंड में कांग्रेस की मुश्किलें कम नही हो रही हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कैसे इस परेशानी का हल निकालते हैं।