देहरादून। भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य द्वारा भाजपा में दलितों को शोपीस के रूप में देखे जाने को लेकर दिये गये बयान के बाद अब घमासान मच गया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजेश कुमार ने यशपाल आर्य के इस बयान पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि भाजपा जैसी सिद्धांतवादी पार्टी ने उन्हें शरण दी, कैबिनेट मंत्री बनाकर भारी भरकम विभाग दिये, मान सम्मान दिया, उनके बेटे को नैनीताल सीट पर विधायक बनाया। उसी पार्टी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाकर उन्होंने अपनी स्वार्थी सोच को दर्शाया है। राजेश ने कहा है कि अगर यशपाल आर्य को आज भाजपा दलित विरोधी लग रही है तो वह जनता को बताये कि साढ़े चार साल तक मंत्री पद पर रहते हुए चुप्पी क्यों साधे रहे। दल परिवर्तन करते ही आज भाजपा दलित विरोधी लगने लगी। राजेश ने कहा कि भाजपा केंद्र व राज्य सरकार ने दलितों, पिछड़ों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिये अनेकों योजनायें धरातल पर लागू की हैं उसका लाभ आज जनता ले रही है। उन्होंने कहा कि ये लोग मौका परस्त लोग हैं निजी हित देखकर पार्टी में आते जाते हैं। हरीश रावत ने जो दलित सीएम देखने की इच्छा का शिगूफा छेड़ा था यशपाल आर्य उससे बच नहीं पाये और स्वयं को सीएम बनते देखने की इच्छा को लेकर उन्होंने जनता के भरोसे को ताक पर रखकर अपना निजी हित देखा। पूरा देश जानता है कि पीएम नरेंद्र मोदी दलित व पिछड़ों को हमेशा आगे रखने का काम करते हैं। कहा कि इनके दल बदल करने की आदत को अब जनता भी समझ चुकी है। निश्चित ही 2022 में अब जनता इनको मुंहतोड़ जवाब देगी। युवा सीएम पुष्कर धामी के नेतृत्व में एक बार फिर उत्तराखंड में पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी।