टिहरी। आज यहां एक परिवार पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब बाघ ने उनके गौशाले में घुसकर लगभग तीन दर्जन बकरियों को मार डाला। इस घटना से जहां परिवार दुखी है वहीं अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। हांलाकि वन विभाग की टीम द्वारा मौके का निरीक्षण कर परिवार को मदद का आश्वासन दिया गया है। दरअसल मामला टिहरी जनपद के विकासखण्ड जौनपुर के ग्राम पंचायत तिमलियाल गांव का है। यहां ग्राम रणोगी में महावीर सिंह के गौशाला में बाघ ने 3 दर्जन से अधिक बकरियों को मार डाला। बताया जाता है कि रात के समय बाघ गौशाला का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा और सारी बकरियों को अपना शिकार बना दिया। ग्रामीणों कहा कहना है कि महावीर सिंह व उनकी धर्मपत्नी जगो देवी दोनो मिलकर मेहनत से बकरियों को पालते हैं और यही उनका रोजगार है, जिससे वह रोजी-रोटी चलाते हैं। हांलाकि सूचना पर मसूरी वन प्रभाग के कैम्पटी रेंज से वन विभाग की टीम ने घटना स्थल पर पहुँचकर मौका मुआयना किया व उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। बता दें कि उत्तराखण्ड में बाघ का आतंक का लगातार बढ़ता जा रहा है, जंगली जानवर तेजी से आबादी वाले इलाकों की तरफ बढ़ रहे हैं। पहाड़ों पर भी आए दिन बाघ द्वारा पालतू जानवरों को अपना शिकार बनाए जाने की खबरें सामने आती रहती हैं।