अल्मोड़ा। सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा को हैरिटेज सिटी व मंदिरों के शहर के रूप में विकसित करने की मांग को लेकर धर्मनिरपेक्ष युवा मंच द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपा गया। कहा गया कि लंबे समय से मंच द्वारा इसको लेकर मांग की जा रही है और प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा गया था, जिसके प्रतिउत्तर में भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय ने अल्मोड़ा व आसपास के ऐतिहासिक मंदिरों का विवरण मांगा था जिसे हमारे द्वारा मंत्रालय को भेज दिया गया है। कहा गया कि हैरिटेज सिटी या उसके मानकों के अनुसार कुमाऊं की सांस्कृतिक राजधानी अल्मोड़ा का विकास किया जाए। कहा गया कि अल्मोड़ा व उसके आसपास के 30 से ऊपर गांवो के विकास के मॉडल के लिए विशेष पैकेज की नितांत आवश्कता है जिसमे उत्तर में कोसी, दक्षिण में वानरी देवी, उत्तर.पूर्व में कबड़खान, पश्चिम में कवरब तक का इलाका आता है। भारत सरकार की हैरिटेज सिटी बनाने के मानक के अनुसार भारत में वो नगर, जो राजाओं की राजधानी शहर रहे है, स्वाभाविक रूप से हैरिटेज सिटी बनने की योग्यता रखते है, क्योंकि जो शहर राजधानी शहर रहे है वहां उस काल के राजाओं की वास्तु-कला से लेकर सांस्कृति, क्राफ्ट, खान-पान देखने को मिलता हैं। कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व एनसीआर की तर्ज पर संस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा और अल्मोड़ा से लगे गांवो का विकास मॉडल बनाने की मांग हमारे द्वारा पिछले लंबे समय से की जा रही है, जिसके तहत अल्मोड़ा नगर के चारों तरफ के गांवों में लोकल क्राफ्ट, पहाड़ी जैविक खेती, संस्कृति, वास्तुकला को विकसित करने के लिए विशेष पैकेज दिया जाए। मांग की गयी कि अल्मोड़ा की सांस्कृतिक विरासत को देखते हुए अल्मोड़ा को हैरिटेज सिटी व चारों तरफ के गांवो के लिए विशेष पैकेज दिया जाए ताकि कम से कम एक शहर उत्तराखंड में ऐसा हो जो हैरिटेज सिटी बने।