हल्द्वानी। यूं तो देवभूमि के नाम से जाना जाने वाला उत्तराखण्ड अपनी संस्कृति और अद्भुत कलाकृतियों के लिए विश्वभर में एक अलग पहचान रखता है। यहां की लोक चित्रकला में शामिल ‘ऐपण’ का कला के साथ ही धार्मिक महत्व भी है। उत्तराखण्ड के कुमाऊं मण्डल के सभी घरों में ‘ऐपण’ को सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व दिया जाता है और यह सदियों से चला आ रहा है। आज भी शुभ कार्यों में ‘ऐपण’ चित्रकला को घर के आंगन, मंदिरों आदि में उकेरा जाता है।
इस कला को और अधिक महत्व देने के लिए उत्तराखण्ड में कई सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग प्रयासरत है। इसी क्रम में हल्द्वानी निवासी युवा समाजसेवी राहुल सोनकर भी लगातार आगे आ रहे हैं। वह लगातार अपने युवा साथियों हिमांशु जोशी, तनुजा जोशी व पवन कुमार आदि के साथ मिलकर ऐपण को लेकर तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं। बीते रोज उत्तराखंडियत अभियान के प्रथम चरण के शुभारंभ अवसर पर ‘उत्तराखंड परंपरागत खेल एसोसिएशन’ के सचिव राहुल सोनकर ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को हाथों से उकेरा ऐपण सुसज्जित शॉल भेंट किया। इस मौके पर संस्था सचिव सोनकर ने कहा की हरीश रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तराखंड की संस्कृति एवं लोक कला के प्रचार-प्रसार के लिए बहुत कार्य किये थे जो आज विभिन्न कलाकारों द्वारा नए-नए रूप में पिरोया जा रहा है। एपण सुसज्जित यह शॉल भी उसी कला की एक झलक है। सोनकर ने कहा कि पूर्व सीएम रावत द्वारा शुरू किया गया उत्तराखंडियत अभियान में आज लोग तेजी से जुड़ रहे हैं।