दिल्ली/देहरादून। उत्तराखण्ड में अगले साल यानी कुछ माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सियासी गलियारों में हलचल होना स्वाभाविक है। सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्तर पर चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। वहीं विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा फ्रंट फुट पर खेलती नजर आ रही है। भाजपा ने एक माह के भीतर दो निर्दलीय विधायकों के साथ ही एक कांग्रेस विधायक को अपने पाले में ले लिया है। पिछले महीने आठ सितम्बर को धनोल्टी से निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद 12 सितम्बर को कांग्रेस के पुरोला विधायक राजकुमार ने भी हाथ का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और आज भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा भी भाजपा में शामिल हो गये। हालांकि विधायक कैड़ा को लेकर काफी समय से चर्चा थी कि वह बहुत जल्द भाजपा में जा सकते हैं। इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए आंखिरकार आज कैड़ा ने दिल्ली पहुंचकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ही ली। यूं तो भीमताल विधायक कैड़ा पहले से ही भाजपा के समर्थक के रूप में काम करते आए हैं और यही वजह है कि अब वह भाजपा के हो गए। बताया जाता है कि विधायक राम सिंह कैड़ा की पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट से काफी नजदीकियां रही हैं और कैड़ा को भाजपा में लाने का इनका अहम योगदान है। बता दें कि छात्र राजनीति से निकले राम सिंह कैड़ा पहले कांग्रेस के हुआ करते थे। मगर 2017 में भीमताल क्षेत्र से टिकट ना मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा भी और जीत भी गए। 2017 में चुनाव जीतने के बाद कैड़ा भाजपा के करीबियों में गिने जाने लगे। गाहे-बगाहे वह भाजपा के समर्थन में आ ही जाते थे, फिर चाहे चुनाव हो या कोई और कार्यक्रम। विधायक कैड़ा के राजनीतिक जीवन पर नजर डाली जाए तो वर्ष 1992 में वह हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। इसके बाद 1994 में छात्रसंघ सचिव फिर 1999 से लेकर 2000 के मध्य छात्रसंघ अध्यक्ष और 2001 में छात्र महासंघ अध्यक्ष चुने गए। 2003 में उन्होंने नाई-ढोलीगांव से जिला पंचायत सदस्य और 2008 में भुमका से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और जीते भी। अब उनके भाजपा में जाने के बाद जहां विपक्षी पार्टियों में खलबली मची हुई हैं वहीं भाजपा को मजबूती मिलनी तय है।