उत्तराखंड शासन ने कई आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को इधर उधर किया है। इन तबादलों में निधि यादव का नाम भी है, जिन्हें निदेशक पंचायती राज की जिम्मेदारी दी गई है। निधि यादव पर आय से अधिक संपत्ति की जांच चल रही है। वहीं आईएएस स्वाति भदोरिया को एनएचएम की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उत्तराखंड शासन ने कई आईएएस और पीसीएस अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव किया है। इसके अलावा एक सचिवालय सेवा के अधिकारी की भी जिम्मेदारी बदली गई है। शासन द्वारा किए गए तबादलों में खास बात यह है कि तबादला सूची में निधि यादव को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। जिन पर आय से अधिक संपत्ति की जांच चल रही है। उत्तराखंड शासन ने एक बार फिर अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदली है। इस बार कुल 10 अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है। इसमें 6 आईएएस अधिकारी शामिल हैं जबकि तीन पीसीएस अधिकारी और एक सचिवालय सेवा के अधिकारी की जिम्मेदारी बदली गई है। खास बात यह है कि तबादला सूची में निधि यादव को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। जिन पर आय से अधिक संपत्ति की जांच चल रही है। दरअसल हाल ही में निधि यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में विजिलेंस को खुली जांच करने की मंजूरी शासन की तरफ से दी गई थी। लेकिन इसके बावजूद शासन ने निधि यादव को बाध्य प्रतीक्षा से हटाते हुए निदेशक पंचायती राज जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे दी है। जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव हुआ है उनमें आईएएस डॉ. आर राजेश कुमार से पीएमजीएसवाई की जिम्मेदारी वापस ली गई है। आईएएस स्वाति भदोरिया को एनएचएम की जिम्मेदारी दी गई है। रोहित मीना से एनएचएम वापस लिया गया है। आनंद स्वरूप से निदेशक पंचायती राज की जिम्मेदारी वापस ली गई है। कर्मेंद्र सिंह को मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। आलोक कुमार को पंचायती राज में अपर सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली है। मोहम्मद नासिर को निदेशक प्रशासन एवं मॉनिटरिंग पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी दी गई है। रामदत्त पालीवाल से इस जिम्मेदारी को वापस लिया गया था। सचिवालय सेवा के अधिकारी ओंकार सिंह से अपर सचिव पंचायती राज की जिम्मेदारी वापस लेते हुए उन्हें अपर सचिव समाज कल्याण की जिम्मेदारी दी गई है।