नई दिल्ली। यूं तो किसी भी क्षेत्र में रिकार्ड बनाने में भारतवासी हमेशा आगे रहते हैं, लेकिन कभी-कभी कागजों में ऐसे रिकार्ड दर्ज हो जाते हैं जिनकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश में सामने आया है। दरअसल हुआ यूं कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर देशभर में टीकाकरण महाअभियान चलाया गया। इस दिन ढाई करोड़ से अधिक टीके लगाने का रिकार्ड दर्ज हुआ। मध्य प्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर कुछ ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जो चौंकाने वाले हैं। दरअसल मध्य प्रदेश में उन लोगों को भी टीकाकरण का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया जो इस दुनिया में अब है ही नहीं। मृत लोगों के नाम प्रमाण पत्र जारी कर उनके दूसरे डोज की तिथि भी बताई गई है।इस तरह के मामले सामने आने के बाद रिकॉर्ड वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर सवाल खड़े होने लगे हैं। बता दें कि 17 सितंबर को जहां देशभर में 2.5 करोड़ टीके लगे तो वहीं मध्य प्रदेश में 27 लाख से अधिक टीके लगाए जाने की जानकारी दी गई। हालांकि सामने आए फर्जी टीकाकरण के मामलों से संदेह हो रहा है कि क्या रिकॉर्ड कायम करने के लिए मृत लोगों के नाम पर टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। भोपाल से करीब 200 किलोमीटर दूर आगर मालवा जिले में आशुतोष शर्मा को उनके मोबाइल पर मैसेज भेजा गया है कि उनकी मां विद्या शर्मा को 17 सितंबर को नगर पालिका टाउन हाल में कोरोना वायरस टीके का दूसरा डोज लगाया गया। इसको लेकर वेबसाइट पर विद्या शर्मा के नाम सर्टिफिकेट भी जारी किया गया है।आशुतोष शर्मा बताते हैं कि उनकी माता विद्या शर्मा को 8 मार्च को कोविशील्ड का पहला डोज लगाया गया था और जून में दूसरा डोज लगना था लेकिन कोरोना वायरस के चलते 1 मई 2021 को ही उनका निधन हो गया। अब मौत के 4 महीने बाद उन्हें दूसरी डोज लगाये जाने की जानकारी दी जा रही है।