प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत का मामला लगातार उलझता जा रहा है। आज महंत के दूसरे शिष्य बलवीर गिरि भी सवालों के घेरे में आ गए हैं। बलवीर एक दिन पहले दिए अपने बयान से पलट गए हैं। नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट को देखकर बलवीर ने मंगलवार को कहा था कि ये गुरुजी की ही राइटिंग है और वे अगले महंत बनने के लिए तैयार हैं। अब आज उन्होंने अपना बयान बलटते हुए कहा कि वे गुरुजी की राइटिंग को नहीं पहचानते। वहीं महंत बनने के सवाल पर कहा कि इसका फैसला पंच परमेश्वर करेंगे। बता दें कि कल बलवीर गिरि ने दावा किया था कि सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि की ही राइटिंग है। मैंने जो राइटिंग देखी है, वे गुरुदेव नरेंद्र गिरि के हाथ के अक्षर हैं। गुरुदेव ने कभी उनसे कोई परेशानी साझा नहीं की। गुरु जहर पी जाता है, शिष्य का कर्म होता है कि उनके आचरण का अनुसरण करे। नई जिम्मेदारी के लिए मैं तैयार हूं। गौरतलब है कि महंत नरेन्द्र गिरि का एक कथित सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होंने बलवीर गिरी को अपना उत्तराधिकारी बनाने की बात लिखी है। साथ ही सभी अखाड़े के पदाधिकारियों को उनका सहयोग करने को कहा है। मूलरूप से उत्तराखण्ड के रहने वाले बलवीर गिरि लगभग 30 सालों से महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं। बलवीर हरिद्वार में रहकर वहां के मठ को संभाल रहे थे। आनंद गिरि और बलवीर गिरि किसी जमाने में नरेंद्र गिरि के करीबी माना जाते थे। अब महंत नरेन्द्र गिरि ने सुसाइड नोट में जहां एक शिष्य आनंद गिरि को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहाराया हैए तो वहीं दूसरे शिष्य बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बनाया है।