अल्मोड़ा। धर्म निरपेक्ष युवा मंच की ओर से चौघानपाटा में गांधीवादी तरीके से किया जा रहा 48 घंटे का उपवास समाप्त हो गया है। समापन के वक्त कई लोगों ने धरना स्थल पर आकर अपना समर्थन दिया और दर्ज मुकदमे का विरोध किया। इस मौके पर राजनीतिक, सामाजिक, युवा, सेवानिवृत्त, व्यापार मंडल, भूतपूर्व सैनिक इत्यादि संगठनों ने समर्थन देते हुए कहा सरकार और प्रशासन की द्वेषपूर्ण कार्यवाही लोकतंत्र व आमजनमानस के लिये खतरा है।
बता दें कि अल्मोड़ा को हैरिटेज सिटी बनाओ मुहिम के तहत हुई पदयात्रा के समापन पर धर्मनिरपेक्ष युवा मंच संयोजक विनय किरौला पर मुकदमे लगाये गये थे। जिसके विरोध में 2 दिसंबर से 48 घंटे तक उपवास रखा गया। आज यह उपवार समाप्त हो गया। इस अवसर पर विनय किरौला ने कहा कि 48 घंटे चला उपवास सिर्फ उनकी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है ये लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। आमजनमानस की आवाज को उठाने पर बजाय लोगों की समस्या सुलझाने के उनपर फर्जी और आधारहीन मुकदमे लगाये जा रहे हैंं।
क्या सरकार की शह पर ये मुकदमा लगाया गया है? क्या प्रशासन इतना तानाशाह बन गया है कि अपनी परेशानी के लिये ज्ञापन देने वालों पर ही मुकदमा लगा दिया जा रहा है। इस दौरान डा. रमेश पांडेय राजन, आदित्य पांडे, डा. जेसी दुर्गापाल, पूर्व छात्रसंघ महासचिव आशीष पंत, पूर्व कमाडेंट एम एस नेगी, वरिष्ठ अधिवक्ता केवल सती, उत्तराखंड आंदोलनकारी दयाकृष्ण कांडपाल, सुन्दर लटवाल, इत्यादि ने अपने विचार रखे। सभी वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि आमजनमानस की आवाज उठाने पर सरकार द्वारा मुकदमा दर्ज करने की परिपाटी लोकतंत्रात्मक व्यवस्था के लिये अच्छे संकेत नहीं है। इस तरीके की कार्यवाही से आमजनमानस की आवाज हमेशा दब कर रह जायेगी।