नई दिल्ली। कोरोना की दहशत अभी कम भी नहीं हुई कि अब मंकीपॉक्स दुनियाभर के लिए खतरा बनता जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार के मंकीपॉक्स के मामले अबतक 58 देशों में फैल चुके हैं और 3 हजार से अधिक मरीजों में इसकी पुष्टि हुई है। उधर वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क (डब्ल्यूएचएन) इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया गया है। बता दें कि मंकीपॉक्स का पहला केस ब्रिटेन में 6 मई को आया था।
बता दें कि WHN एक ऐसा नेटवर्क है, जिससे कई देशों के सैंकड़ों वैज्ञानिक और हेल्थ एक्सपर्ट्स जुड़े हैं। यह ग्लोबल, नेशनल और लोकल लेवल पर महामारी को पहचानकर उसके सॉल्यूशन पर काम करता है। मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करना चाहिए या नहीं, इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की भी बैठक हुई। एक रिपोर्ट के अनुसार अगर डब्ल्यूएचओ इसको लेकर कोई बड़ा फैसला लेता है तो दुनियाभर की सरकारों को मंकीपॉक्स के संक्रमण से बचने के लिए एक्शन लेना होगा।
जानकारी के अनुसार मंकीपॉक्स यूरोप समेत कई महाद्वीपों में फैल चुका है। ब्रिटेन में अब तक तकरीबन 800 मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद इसे बीमारी का एपिसेंटर माना जा रहा है। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) की मानें तो ब्रिटेन में केवल 5 दिन में मंकीपॉक्स के मामलों में 40% इजाफा हुआ। जहां 16 जून तक 574 केसेज रिकॉर्ड किए गए थे, वहीं 20 जून तक आंकड़ा बढ़कर 793 हो गया। ब्रिटेन के बाद स्पेन, जर्मनी और पुर्तगाल में मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा मामले हैं। बीमारी से अब तक एक मरीज की मौत हुई है। फिलहाल भारत में इसका एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।